शनिवार, 6 सितंबर 2025

प्राण विज्ञान: सूक्ष्म जीवन शक्ति (The vital subtle energy)

  सूक्ष्म जीवन शक्ति का रहस्

“The Secret of the Subtle Vital Force”

प्राण एक संस्कृत शब्द है, जो दो मूल शब्दों से मिलकर बना है: प्र (जो निरंतरता को दर्शाता है) और ण (जिसका अर्थ है गति)। इस प्रकार, प्राण को एक सदैव गतिशील जीवन शक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है — वह सूक्ष्म ऊर्जा जो सभी जीवों को जीवन प्रदान करती है।

प्राण ऊर्जा

प्राण विज्ञान में प्राण को दो मुख्य रूपों में पहचाना जाता है:

कॉस्मिक प्राण (ब्रह्मांडीय प्राण): यह वह अत्यंत सूक्ष्म ऊर्जा है जो सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त है। इसे सामान्य इंद्रियों से नहीं जाना जा सकता, बल्कि इसे केवल विस्तारित या अनंत चेतना के माध्यम से अनुभव किया जा सकता है।व्यक्तिगत प्राण: यह शरीर के भीतर विद्यमान जीवन ऊर्जा है। यह अधिक सुलभ होती है और शारीरिक स्फूर्ति, मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक संतुलन को नियंत्रित करती है।प्राण निरंतर प्रवाहित होता रहता है, शरीर के सूक्ष्म जगत को ब्रह्मांड के व्यापक जगत से जोड़ता है। इस जीवन शक्ति को समझकर और उसका सही उपयोग करके व्यक्ति अपने स्वास्थ्य, चेतना और आध्यात्मिक विकास को बढ़ा सकता है।

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